छत्तीसगढ़ की मृदाओं में सूक्ष्म पोषक तत्व उपलब्धता एवं प्रबंधन

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छत्तीसगढ़ की मृदाओं में सूक्ष्म पोषक तत्व उपलब्धता एवं प्रबंधन

सूक्ष्म पोषक तत्व एवं इनका पादप-जीवन में योगदान

उस्ताहीन (इंडॉल एसिटिक अम्ल) के जैदिक संश्लेषण, प्रोटीन संश्लेषण एवं विभिन्न स्वाई मेटल एन्जाइम का प्रमुख अवयव है। यह पौधों के विभिन्न प्रतिक्रियाओं में उत्प्रेरक का कार्य करता है। पौधों की नत्रजन, फास्फोरस उपयोग जल उपयोग को प्रभावित करता है। द

लोहा-यह पहारिम (क्लोरोफिल) निर्माण न्यूक्लिक अम्ल तथा प्रोटीन के निर्माण में मदद करने के साथ ही पौधों में विभिन्न उपचयन कियाओं में उत्प्रेरक का कार्य करता है। पौधों में विभिन्न होम तथा अहीम लौह औराहकों का अनिवार्य घटक है जैसे- फेरेोक्सीन (लौह सल्फर प्रोटीन) जो कि प्रकाश संश्लेषण में प्रथम स्थाई आवउत्पाद है।

मैंगनीज नीज क्लोरोफिल कार्बोहाइड्रेट के निर्माण में सहायक होता है। इसकी कमी से पौधों की

पतियों एवं जड़ों में शर्कराओं की मात्रा कम हो जाती है। यह श्वसन एन्जाईमो तथा प्रोटीन निर्माण में सहायक

एनवाईसी का एक रचनाकारी तत्व है।

तांबा- कवक रोगों के नियंत्रक में तांबे की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह पत्तियों के हरिताणुओं (क्लोरोप्लास्ट) में सर्वाधिक मात्रा में मौजूद रहता है। आक्सीकरण-अवकल किया को नियमित प्रदान करने के साथ ही यह प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में महत्वपूर्ण कार्य करता है तथा अनेको एन्जाइमों की क्रियाशीलता बढ़ाने में सहायक होता है। यह विभिन्न एन्जाइमों का प्रमुख अवयय है जैसे- साइटोकोम ऑक्सीडेस,

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